भागलपुर के भूराखाप गांव से थे मौलाना मुस्तकीम"
भागलपुर के भूराखाप गांव से थे मौलाना मुस्तकीम"

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) / भागलपुर (बिहार)
अलीगढ़ में मस्जिद के इमाम मौलाना मुस्तकीम पर हुआ हमला इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला है। मौलाना मुस्तकीम, जो मूल रूप से भागलपुर ज़िले के संहौला प्रखंड के भूराखाप गांव के रहने वाले थे, सिर्फ़ मुसलमान होने की वजह से बेरहमी से पीटे गए। उनकी दाढ़ी नोचकर उन्हें जबरदस्ती "जय श्री राम" का नारा लगाने पर मजबूर किया गया।
यह घटना केवल एक शख़्स पर हमला नहीं, बल्कि पूरी क़ौम और इंसानियत पर हमला है। सोचिए, एक इमाम, जो समाज में अमन और सुकून की दुआ करता है, उसे ही सड़क पर इस तरह अपमानित और घायल कर दिया गया।
सवाल साफ़ है —
आख़िर कब तक मासूमों पर ऐसे हमले होते रहेंगे?
कब तक सरकारें और प्रशासन इन दरिंदों को खुली छूट देंगे?
क्या संविधान की इज़्ज़त केवल किताबों में रह गई है?
भागलपुर के भूराखाप गांव का बेटा मौलाना मुस्तकीम आज अलीगढ़ की सरज़मीन पर नफ़रत का शिकार बना। उनके परिवार के लोग सदमे में हैं, गांव में मातम पसरा है और लोग प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक हमारे अपनों को सिर्फ़ मज़हब की वजह से निशाना बनाया जाएगा।
लोगों का कहना है कि समाज में ज़ोम्बी जैसे लोग खुलेआम घूम रहे हैं, जो इंसानियत को रोज़-रोज़ नोंच रहे हैं। अगर सरकार और पुलिस ने इन्हें समय रहते नहीं रोका तो हालात और ज़्यादा ख़राब हो जाएंगे।
प्रशासन से हमारी सीधी मांग है —
दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए और ऐसे नफ़रत फैलाने वालों पर कड़ी लगाम लगाई जाए। क्योंकि अगर क़ानून सोता रहा तो नफ़रत का यह ज़हर पूरे मुल्क को खोखला कर देगा।
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