दिल्ली जन स्वराज के युवा नेता राहुल भारद्वाज का सवाल
आखिर कब तक बिहारवासियों को योजनाओं के नाम पर ठगा जाएगा?

दिल्ली जन स्वराज के युवा नेता राहुल भारद्वाज का सवाल — आखिर कब तक बिहारवासियों को योजनाओं के नाम पर ठगा जाएगा?
दिल्ली जन स्वराज पार्टी के उभरते युवा नेता राहुल भारद्वाज ने बिहार की वर्तमान और पूर्ववर्ती सरकारों पर करारा सवाल उठाते हुए कहा है कि 35 वर्षों से बिहार के लोगों को सिर्फ वादों और घोषणाओं के जाल में उलझाकर शुद्ध रूप से "बेवकूफ" बनाया गया है।
राहुल भारद्वाज का मानना है कि:
1. स्वास्थ्य:
बिहार में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में एक सही इलाज तक पहुंच एक सपना है। सरकारी अस्पतालों की हालत जर्जर है, डॉक्टरों की भारी कमी है, और दवाएं समय पर नहीं मिलतीं।
2. शिक्षा:
सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है। शिक्षा का स्तर इतना नीचे गिर चुका है कि युवा पीढ़ी या तो पलायन करती है या फिर बेरोजगारी की मार झेलती है।
3. रोजगार:
बिहार में नौकरी पाने की राह एक ऐसी सुरंग बन गई है जिसका कोई अंत नहीं दिखता। यहां के नौजवानों को दिल्ली, पंजाब और अन्य राज्यों में जाकर मजदूरी करनी पड़ रही है।
4. विकास:
विकास सिर्फ पोस्टरों और भाषणों में नजर आता है। धरातल पर न सड़कें ठीक हैं, न बिजली व्यवस्था स्थिर है, न ही उद्योग हैं।
5. सत्ता का सच:
राहुल भारद्वाज ने यह भी कहा कि आज की सरकारें सिर्फ चुनावी साल में जनता को योजनाओं के जाल में फंसा कर अपना वोट बैंक मजबूत करती हैं, पर असली बदलाव की कोई इच्छा नहीं दिखती।
जन स्वराज की सोच:
राहुल भारद्वाज जैसे युवा नेताओं की सोच है कि अब बिहार को सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि सोच का परिवर्तन चाहिए। एक ऐसी राजनीति जो जनसेवा को प्राथमिकता दे, न कि केवल कुर्सी को।
निष्कर्ष:
अब वक्त आ गया है जब बिहार के लोग जागें, सवाल पूछें और ऐसे नेताओं को चुनें जो ज़मीनी मुद्दों पर काम करें — शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास — न कि सिर्फ वादों का सपना दिखाएं।
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